ऐसे लगाएं अपने स्मार्टफोन में वाइरस का पता
ऐंड्रॉयड दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। पूरी दुनिया में करीब 1 अरब से ज्यादा ऐंड्रॉयड यूजर्स हैं। इन यूजर्स को अपने जाल में फंसाने के लिए हैकर्स नई-नई ट्रिक्स आजमा रहे हैं जिससे यूजर अपने मोबाइल में संदिग्ध ऐप डाउनलोड करें और वे आसानी से उनकी सारी जानकारी चुरा सकें। ऐपल प्रॉडक्ट के मुकाबले ऐंड्रॉयड में वाइरस जल्दी आ जाते हैं। कुछ ट्रिक्स हैं जिससे आप अपने स्मार्टफोन में वाइरस का पता लगा सकते हैं। आगे की स्लाइड्स पर क्लिक कर जानें...
डेटा यूजेज बढ़ना
अगर अचानक से आपके मोबाइल का डेटा ज्यादा खर्च हो लगे, तो इसकी एक वजह आपके मोबाइल घुसपैठ करने वाले वाइरस भी हो सकते हैं। अगर पिछले महीने की तुलना में आपका डेटा अचानक से ज्यादा खर्च हुआ है, वो भी तब जब आपने इसका इस्तेमाल भी नहीं किया, तो समझ जाएं कि आपका मोबाइल या टैब वाइरस की चपेट में है।
अगर अचानक से आपके मोबाइल का डेटा ज्यादा खर्च हो लगे, तो इसकी एक वजह आपके मोबाइल घुसपैठ करने वाले वाइरस भी हो सकते हैं। अगर पिछले महीने की तुलना में आपका डेटा अचानक से ज्यादा खर्च हुआ है, वो भी तब जब आपने इसका इस्तेमाल भी नहीं किया, तो समझ जाएं कि आपका मोबाइल या टैब वाइरस की चपेट में है।
एक्स्ट्रा चार्ज
अगर आपके मोबाइल बिल में अनावश्यक SMS चार्ज लिया जा रहा है तो यह भी वाइरस का एक संकेत है। ऐसे में आपके मोबाइल से प्रीमियम रेट नंबर्स पर टेक्स्ट मेसेज भेजे जाते हैं और आपके से इसके पैसे चार्ज किए जाते हैं। प्रीमियम रेट नंबर एक विशेष तरह का नंबर होता है जिसपर मेसेज भेजने का चार्ज सामान्य के मुकाबले ज्यादा होता है
अगर आपके मोबाइल बिल में अनावश्यक SMS चार्ज लिया जा रहा है तो यह भी वाइरस का एक संकेत है। ऐसे में आपके मोबाइल से प्रीमियम रेट नंबर्स पर टेक्स्ट मेसेज भेजे जाते हैं और आपके से इसके पैसे चार्ज किए जाते हैं। प्रीमियम रेट नंबर एक विशेष तरह का नंबर होता है जिसपर मेसेज भेजने का चार्ज सामान्य के मुकाबले ज्यादा होता है
ज्यादा बैटरी खर्च होना
वाइरस से न सिर्फ आपके मोबाइल का डेटा खर्च होता है बल्कि आपके मोबाइल की बैट्री पर भी इसका असर पड़ता है। एक बार वाइरस वाले ऐप डाउनलोड करने के बाद आप यह नोटिस करेंगे आपकी बैट्री तेजी से खर्च हो रही है।
वाइरस से न सिर्फ आपके मोबाइल का डेटा खर्च होता है बल्कि आपके मोबाइल की बैट्री पर भी इसका असर पड़ता है। एक बार वाइरस वाले ऐप डाउनलोड करने के बाद आप यह नोटिस करेंगे आपकी बैट्री तेजी से खर्च हो रही है।
अचानक से आने वाले पॉप-अप्स
अगर आप पॉप अप्स, नोटिफिकेशन्स, अनचाहे रिमाइंडर और सिस्टम वार्निंग जैसे नोटिफिकेशन्स पर क्लिक करते हैं तो इससे भी आपके डिवाइस में वाइरस बढ़ता जाता है।
अगर आप पॉप अप्स, नोटिफिकेशन्स, अनचाहे रिमाइंडर और सिस्टम वार्निंग जैसे नोटिफिकेशन्स पर क्लिक करते हैं तो इससे भी आपके डिवाइस में वाइरस बढ़ता जाता है।
अनचाहे ऐप
कुछ ऐसे ऐप होते हैं जो बिना आपकी जानकारी के ही आपके मोबाइल में इंस्टॉल हो जाते है। ट्रोजन मैलवेयर के जरिए आपके मोबाइल को नुकसान पहुंचाने वाले ऐप आपके मोबाइल में ऑटोमैटिक डाउनलोड हो जाते हैं।
कुछ ऐसे ऐप होते हैं जो बिना आपकी जानकारी के ही आपके मोबाइल में इंस्टॉल हो जाते है। ट्रोजन मैलवेयर के जरिए आपके मोबाइल को नुकसान पहुंचाने वाले ऐप आपके मोबाइल में ऑटोमैटिक डाउनलोड हो जाते हैं।
जानें कैसे पाएं वाइरस से छुटकारा
अगर आपको लगता है कि आपका फोन वाइरस की चपेट में आने के चलते बहुत स्लो काम कर रहा है तो आप अपने डिवाइस को क्लीन करने के लिए कुछ टिप्स आजमां सकते हैं...
अगर आपको लगता है कि आपका फोन वाइरस की चपेट में आने के चलते बहुत स्लो काम कर रहा है तो आप अपने डिवाइस को क्लीन करने के लिए कुछ टिप्स आजमां सकते हैं...
संदिग्ध ऐप करें डिलीट
इस तरह के ऐप को डिलीट करने के लिए सेटिंग्स में जाएं फिर ऐप या ऐप्लिकेशन मैनेजर पर क्लिक करें। जिस ऐप को डिलीट करना है उसपर टैप करें, जिससे ऐप की इन्फर्मेशन स्क्रीन पर खुल जाएगी। सबसे पहले ऐप का कैश क्लियर करें और इसके बाद ऐप का डेटा डिलीट करने के लिए क्लियर डेटा पर टैप करें। ये सब कर लेने के बाद अनइंस्टॉल बटन पर क्लिक कर ऐप रिमूव कर दें।
इस तरह के ऐप को डिलीट करने के लिए सेटिंग्स में जाएं फिर ऐप या ऐप्लिकेशन मैनेजर पर क्लिक करें। जिस ऐप को डिलीट करना है उसपर टैप करें, जिससे ऐप की इन्फर्मेशन स्क्रीन पर खुल जाएगी। सबसे पहले ऐप का कैश क्लियर करें और इसके बाद ऐप का डेटा डिलीट करने के लिए क्लियर डेटा पर टैप करें। ये सब कर लेने के बाद अनइंस्टॉल बटन पर क्लिक कर ऐप रिमूव कर दें।
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